पानी की बरबादी
रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |
पानी गये न ऊबरै , मोती मानुष , चून ||
पानी अमूल्य है और हमारे पास पीने के पानी की
निश्चित मात्रा ही उप्लब्ध है | वैसे तो पानी की कोई कमी नहीं है लेकिन हमारे
उपयोग लायक पानी बहुत कम है | पानी का मूल्य वही समझते हैं जिन्हे आसानी से नहीं
मिलता है | हमारे देश में राजस्थान में बहुत सारे ऐसे गांव हैं जहां पीने का पानी
लेने के लिये मीलों चलना पड्ता है | उन्हे पानी की असली कीमत पता होती है | लेकिन
हम जहां रहते हैं वहां आसानी से पानी मिल जाता है इसीलिये हम बिना सोचे समझे पानी
को बरबाद किया करते हैं |
हम अगर दैनिक जीवन की बात करें तो पता नहीं कितना
पानी व्यर्थ में फ़ेंक देते हैं | हमें भी पानी की कीमत का अंदाज़ा उसी दिन लगता है
जिस दिन सप्लाई का पानी नहीं आता है और टंकी में पानी खतम हो जाता है | कुछ लोग
अपना घर इतना साफ़ करते हैं कि उन्हे पता ही नहीं लगता कि हमारा पानी भी बरबाद हो
रहा है | हम अपने पड़ोस में देखते हैं कि लोग अपना घर धोने के बाद सड़क भी धोने लगते
हैं जिससे धूल उड़कर उनके घर तक न जाये | अक्सर लोगों की आदत होती है कि वो पानी का
नल खुला छोड़ देते हैं और पानी फ़ालतू में बहता रहता है | कई लोग तो सुबह ब्रश करते
समय यह भूल जाते हैं कि टोटी से पानी बह रहा है | इन्ही छोटी – छोटी आदतों से बहुत
सारा पानी बरबाद हो जाता है | कारखानों मे भी पानी की बहुत बरबादी होती है | अगर
कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी को शोधित करके दोबारा उपयोग में लाया जाए तो
बहुत पानी बचाया जा सकता है | सार्वजनिक स्थानों जैसे रेलवे स्टेशन , बस स्टाप
,सिनेमा हाल में भी लोग पानी का नल अक्सर खुला छोड़ देते हैं | हमें ध्यान रखना
चाहिये कि अगर कोई ऐसा करता भी है तो हम तत्काल नल बंद कर दें | बहुत सारे घरों
में सफ़ाई करने के लिये अब झाड़ू की जगह पर पानी की धार का प्रयोग किया जाता है
जिसकी कोई आवश्यकता नहीं है | इसी तरह की बहुत सारी आदतों की वजह से हम बहुत सारा
पानी बरबाद कर देते है |
हमें ध्यान रखना चाहिये कि पानी को कभी फ़ेकना न
पड़े | पानी को स्टोर करके रखना चाहिये और आवश्यकता होने पर उपयोग में लाना चाहिए |
कहीं ऐसा न हो कि किसी दिन पीने के पानी के भी लाले पड़ जाएं | हम अगर अपने दैनिक
जीवन में भी पानी को लेकर थोड़ा गम्भीर हो जायें तो पानी की बरबादी को रोका जा सकता
है |