
पिछले दो दिनों से लगातार नेपाल और भारत के अनेक क्षेत्रों में भूकम्प के झटके महसूस किये जा रहे हैं । हम तो केवल महसूस ही कर रहे हैं लेकिन नेपाल के बहुत सारे लोग जो इसे झेल रहे हैं भगवान उनकी रक्षा करें और इस ज़लज़ले में समा गए लोगों के परिजनों को सहन शक्ति दें । भूकम्प से घबराये लोग दिन रात घर के बाहर बिताने को मजबूर हैं और ऊपर से ये बारिश उन्हें बाहर भी सुकून से नहीं बैठने दे रही है । सच ही है की मुसीबतें जब आती हैं तो छप्पड़ फाड़ के आती हैं । ऐसी बारिश भला किसी को कैसे रास आ सकती है । मेरे एक परम मित्र जो हमारे ही साथ पढ़ते हैं अभी हाल में ही अपने घर नेपाल गए थे । मुझे तो उनकी चिंता भी बहुत सता रही थी लेकिन सुनकर अच्छा लगा किन उन्हें किसी भी तरह का नुकसांन नहीं पहुंचा है । हम अक्सर अपने परिजनों को सलामत जान के थोड़ा खुश तो हो जाते हैं लेकिन इस भूकम्प में मारे गए हज़ारों लोगों की आह दिल तक उतर जाती है । हे इश्वर अब और उन लोगों की और परिक्षा न ले । उनका घर उन्हें वापस दिला दे । हम तुम्हारे अस्तित्व को स्वीकार करते हैं । हम जान गए हैं कि ये दुनिया तुम्हारी मुट्ठी में है । ये घर हमने बनाया तो है लेकिन बिना तुम्हारी मर्जी के , हम इसमें रह नहीं सकते । हम आपके बालक हैं । हमें घमंड हो गया था अपने विज्ञान पर लेकिन अब मुझे पता चल गया है की हमारी सीमा कहाँ तक है । अभी तक हम भूकम्प की भविष्यवाणी करने में भी सक्षम नहीं है ।
हे इश्वर सब की रक्षा करो ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः , सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु , मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत् ॥
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