गुरुवार, 9 अप्रैल 2015

पानी क्या-क्या कहता है

  •  पानी बचपन से ही हमारे बहुत करीब रहता है । ठंढ़ियों में नहाने से जितना डर लगता है बारिश में हमें भीगना उतना ही अच्छा लगता है । पानी की कीमत हमें बचपन से समझ आ गयी जब हमें थाली में पानी भरकर चन्दा मामा  सौप दिए जाते थे । कहा जाता है  ' कोस कोस पर पानी बदले , तीन कोस बार बानी ।' पानी को लेकर हम अनेक कहावते और  मुहावरे हम  सुनते आ रहे हैं ।  बात बात पर पानी का नाम हमारे कान में जरूर पड  जाता है । अगर हमारा कोई काम बनने वाला ही हो और तभी कोई परेशानी आ जाये और उमीदों पर पानी फिर जाए तब हम कहते हैं ' गई  भैंस पानी में   । वास्तव में इस कहावत का जन्म किसी चरवाहे के आस पास ही हुआ होगा क्योंकि भैंस अगर एक बार पानी में कूद जाती है तो निकालना उतना ही मुश्किल होता है जितना चुनाव हारने के बाद दोबारा चुनाव जीतना होता है । मेहनत  पर पानी फेर देना भी कुछ ऐसा ही मुहावरा है जो तब बोला जा सकता है जब पार्टी का एक व्यक्ति पार्टी में अपनी छवि सेक्युलर होने की बनाता है और पार्टी का दूसरा व्यक्ति विवादित बयान देकर उसकी मेहनत  पर पानी फेर देता है ।  अगर एक पार्टी दूसरी पार्टी को बुरी तरह हरा देती है तो हारने  वाली पार्टी के लिए कहा  है ' बेचारे पानी मांग गए ।' पानी का सम्बन्ध शर्म से भी है । कहा जाता है शर्म से पानी - पानी हो जाना ।, खैर अब जल्दी कोई शर्म से पानी पानी नहीं होता है इसलिए इस मुहावरे का प्रयोग काम हो गया है । अब तो शर्म हया बेच कर खा जाने का समय चल रहा है । किया भी क्या जा सकता है , महंगाई भी तो बहुत है । ककिसी के पास पैसे नहीं हैं तो की पैसा पानी की तरह बहा रहा है । पानी से किसी के वंश और परिवार की और भी संकेत किया जा सकता है । किसी कद कएही देख कर कहा जाता है की इसका तो पानी ही ऐसा है । अर्थात खून और पानी का भी करीबी रिश्ता है । दूध में पानी मिलाना आज न्यूज हो सकती है क्योंकि आम तौर पर आज पानी में दूध मिलाया जाता है । यहीं से एक कहावत का जन्म हुआ ' दूध का दूध और पानी का पानी करना । ' जैसे हम जब वोट देकर किसी को जिताते हैं तभी दूध का दूध और पानी का पानी हो पाता  है । हम सभी साफ़ पानी पीना पसंद करते हैं लेकिन एक तरीका और भी है साफ़ पानी पी जाने का । किसी बात से साफ़ इंकार कर देने को भी साफ़ पानी पी जाना कहा जाता है । हम जब अपनी साधारण सी एक जैसी रोज चलने वाली ज़िंदगी से परेशान हो जाते हैं तो हवा पानी बदलते हैं | पानी का जितना महत्व हमारे जीवन में है उतना ही हमारे बोलचाल में भी है । इसलिए पानी की कीमत समझनी चाहिए और पानी को पानी की तरह नहीं बहाना चाहिए वरना एक दिन अपनी भी भैंस पानी में कूद सकती है । 

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